मंगलवार, 15 जुलाई 2008

थोरी से बचत, मेहनत और प्लानिंग कर महगाई से जीत सकते है.

महगाई आज पुरी दुनिया के सामने एक जटिल समस्या बनकर आई है। हमरा देश भी इस से बुरी तरीके प्रभाबित है। हमें इस समस्या से समय रहते निपटा चाहिए। ये समस्या खाश कर गरीब तबके के लोगो के लिए अभिशाप बनकर सामने आई है। हमारे देश के नेतागन इस समस्या के समाधान करने के बजाये इसे राजनीती मैटर बनाकर इस पर राजनीती करने लगे। क्या इस से ये महगाई समाप्त हो जायेगी? नही कदापि नही!
इस दानव रूपी महगाई को समाप्त करने के लिए हम सभी मेरा मतलब आम जनता, बुदिजीबी लोग, राजनेता और सभी नागरिक गन को मिलकर एकजुट होकर लरना होगा। मेरे सामने कुछ रास्ता है जिसे मै इस ब्लग पर लिख रहा हु ..
१- महगाई का सबसे अहम् कारन मेरे हिसाब से उत्पादन की तुलना में अधिक खपत है। अगर हम अपने खपत में थोरी सी कमी कर ले दो कुछ काबू पा सकते है। दूसरा अगर उतपादन छमता बड़ा ले तो समस्या का कुछ हल हो सकता है।

गुरुवार, 3 जुलाई 2008

हमारी सरकार को महगाई पे लगाम लगानी चाहिए

हमारी सरकार ( केन्द्र एवं राज्य दोनों ) को चाहिए की वो आज की इस बेलगाम महगाई को साथ साथ मिल कर रोक लगानी चाहिए। इस जवलंत समस्या पर कोई राजनीती नही करनी चाहिए। अगर इस देश में गरीबो और माद्यम वर्ग के लोगो को सही तरीके से जीबन यापन करने देना है तो महगाई पर हर हल में रोक लगानी चाहिए। इस महगाई की सबसे बरी मार इन लोगो को झेलनी परती है। और ये जिन्दगी के दौर में पीछे हो जाते है।
एक तरफ़ ये उछाल मारती महगाई और दूसरी तरफ़ बेरोजगारी एवं गरीबी। आप सोच सकते है की ये गरीब किधर जायेगे। इनकी जिन्दगी किस राह पे चलती है ये सोचनी बाते है। इस महगाई के कारन देश के बड़ी आबादी परेशान है। एक तरफ़ आमिर लोग और आमिर होते जा रहे है और गरीब लोग इस महगाई के कारन और गरीब ही नही अपितु मरनासन इस्थिथि में पहुच रहे है।

अत: हमारी सरकार और देश के जिमेबर नागरिको को इस महगाई पे लगाम लगानी चाहिए ताकि देश की गरीब जनता कम से कम दो बकत की रोटी चैन से खा सके। हमारी सरकार से अपील है की पे दलगत भावना से ऊपर उठ कर देशहितमें विचार कर इस समस्या को समाप्त करने की दिशा में आवस्यक कदम उठाये।
इस महगाई के मर को कम करने के लिए हमारे पास कुछ आसन से रस्ते है जैसे हम आपनी आमदनी का कुछ भाग बराबर बचत करे। हम खाद