गुरुवार, 11 अक्तूबर 2007

मेरे सपनो का भारत

मेरे सपनो का भारत जहा ना हो गरीबी
मेरा भारत बैषा भारत जहा गरीबी का कोई नाम नही हो । चारो तरफ खुशियाली और हरियाली हो । एषा तब ही हो सकता है जब हमारे देश के राजनेता , बुदिजिवी बर्ग और प्रशानिक तंत्र देश के हित में कुछ सोचे।
गरीबी बस कुछ ही दिनों मे खतम हो जायगे । इसके लिए बस हमे सम्प्रदिक भावना को झोर कर देशहित के नार्जरिया से सोचना होगा । "जैसे देश के आरक्षण पर्नाली " हमारे देश में ये जाती बिशेस के आधार पर दिया जाता है। क्या इस्शे देश प्रगति कर पायेगा ? नही कभी नही उश स्थान पर हम आय सीमा पर आरक्षण लागु करे तो देश के जितने भी गरीब बर्ग के लोग है बे इश्क फएदा सीधा उठायेगे । और देश प्रगति के रास्ते पे दौर परेगा । परंतु अफ्सोश के हमारे देश के जिमेदार लोग आज तक अपना धयान इस ओर नही दे पाए है । बे तो अपने रोटी सकने मे लगे रहते है ।
अगर कोई भी योजना उसके जरूरतमंद लोगो को ध्यान मे रख कर बनाईं जायेगे तो हमारा ये भारत प्रगति के राह पे मे दौरे गा ये कभी भी विकाश के रस्ते मे औरों से पिछे नही रहेगा । ये हर झेत्र मे अपना प्रभुता जमायेगा ।

अमरदीप कुमार सिंह , समस्तीपुर 9835661901